रावण के बारे मैं अद्धभुत रहस्य !
Ø रावण के दादा जी का नाम प्रजापति पुलत्स्य था। जो ब्रह्मा जी के दस पुत्रो में से एक थे, इस तरह रावण ब्रह्मा जी का पड़पोत्र हुआ।
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रावण ने अपने पिता और दादा की तरह धर्म का साथ ना देकर अधर्म का
रास्ता अपनाया था।
Ø रावण को आयुर्वेद का भी बड़ा ज्ञान था। उसने अर्ध प्रकाश नाम की एक पुस्तक भी लिखी थी, जिसमे आयुर्वेद से जुडी कई बातो का उल्लेख है।
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रावण को वेदों का बड़ा ज्ञान था। सामवेद के अलावा उसे सभी वेदों का
ज्ञान था। यह तक की उसे पद-पथ मई भी महारथ हासिल थी। पद-पथ
ही वेदों के अध्ययन का एक मात्र तरीका है।
Ø रावण ने सीता माता से पहले माता कौशल्या का हरण किया था। क्योंकि रावण जानता था कि उसकी मृत्यु कौसल्या और दसरथ के पुत्र के हाथों होगी।
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रावण को मायावी इसलिए खा जाता था क्योंकि वो तंत्र-मंत्र,
सम्मोहन विद्या, और भी कई तरह के जादू टोने
में पारांगत था।
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